आज छठ पूजा का चौथा दिन है. आज व्रती सूर्योदय (Morning Arghya) के समय सूर्यदेव को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करेंगे. इसके साथ ही चार दिन के महापर्व छठ का समापन होगा. उगते सूर्य को अर्घ्य देकर लोग अच्छे स्वास्थ्य और सुखी जीवन की कामना करेंगे और छठ का प्रसाद वितरण करेंगे. आइए जानते हैं छठ पूजा के चौथे दिन ऊषा अर्घ्य (Morning Arghya) का महत्त्व और प्रातः कालीन अर्घ्य का शुभ मुहूर्त….
उषा अर्घ्य का शुभ मुहूर्त:
आज छठ पूजा के चौथे दिन सूर्योदय अर्घ्य तथा पारण 21 नवंबर को होगा.
व्रती सुबह 06:49 बजे सूर्य देव को अर्घ्य देंगे तथा सूर्योस्त शाम को 05:25 बजे होगा.
उषा अर्घ्य की विधि:
सूर्योदय से पहले बांस की टोकरी में ठेकुआ, चावल के लड्डू और कुछ फल लिए जाते हैं सजा लें. सूप में भी फल और पूजा का सामान सजाया जाता है. लोटे में जल एवं दूध भरकर इसी से सूर्यदेव को ऊषा अर्घ्य दिया जाता है. इसके साथ ही सूप की सामग्री के साथ भक्त छठी मैया की भी पूजा अर्चना करते हैं.
उषा अर्घ्य का महत्व:
आज छठ पूजा के चौथे दिन व्रती सूर्यदेव को अर्घ्य देंगे. कुछ व्रती नदी के घाट पर जाकर सूर्यदेव को अर्घ्य देंगे और व्रत का पारण करेंगे. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, महापर्व छठ के अंतिम दिन सूर्य की पत्नी उषा को अर्घ्य दिया जाता है. इससे जीवन में तेज बना रहता है और व्रत करने वाले जातकों की मनोकामना पूरी होती है. पूजा के बाद व्रत करने वाले लोग कच्चे दूध का शरबत और प्रसाद खाकर व्रत का पारण करते हैं. (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. खामोश दुनिया इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)